Top shiv chalisa in hindi Secrets

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अंत में काम, क्रोध मद हारे, हे भोले तुम जीते

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

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प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं more info रहै कलेशा॥

शिव आरती

सोमवार को शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने सारे दु:खों को भुलाकर भगवान शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं। भगवान शिव की सभी स्तुतियों में शिव चालीसा को श्रेष्ठ और कल्याणकारी माना गया है। खासतौर पर महाशिवरात्रि पर या श्रावण मास में श्री शिव चालीसा का पाठ करने व सुनने से घर में सुख-शांति, धन-वैभव और प्रेम की वृद्धि होती है और शिव समस्त कामना पूर्ति का वरदान देते हैं।

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